उजागर हो गये घोटाले बहुत से,
कही 2g , कही चारा, कही कॉमनवेल्थ खेलों के रूप मे।
पर कोई अभी तक क्यो कोई स्टाम्प शुल्क घोटाला उजागर कर नही पाया,
लगता हैं, रजिस्ट्री को ही राज्य सरकारो ने हैं, काली कमाई का सबसे बड़ा हथियार बनाया।
स्टाम्प शुल्क अधिनियम 1899 के अन्तर्गत ,स्टाम्प शुल्क सिर्फ स्टाम्प की कीमत का देय होता हैं,
फिर क्यो स्टाम्प कीमत पर 10 से 100 और कही कही 200 रुपये उपर तक माँगा जाता हैं।
100000 की कीमत के स्टाम्प पर रजिस्ट्री 100000 की जगह 110000 मे की जाती हैं,
यह उपर की 10000 की काली कमाई आखिर कहाँ जाती हैं।
कौई एक नही सभी सरकारें इसमे लिप्त नजर आती हैं,
स्टाम्प शुल्क का निर्धारण केन्द्र नही राज्य सरकारें खुद जो करवाती हैं।
सालों से चले आ रहे इस घोटाले पर आखिर क्यो नही किसीकी नजर जाती हैं,
गरीब, अमीर कौन नही हैं ऐसा जिससे यह उपरी कीमत नही वसूली जाती हैं।
लोग जीवन भर की जमा-पूँजी लगा कर एक आशियाना खुद का बनाते हैं,
जो थोड़ा बचता हैं, वह यह घोटाले वाले खा जाते हैं।
शायद भारत का अपना खून ही गद्दार हो गया हैं,
किसपर भरोसा करे हम, यहां हर शख्स भ्रष्टाचार मे लिप्त हो गया हैं।
अन्याय को सहना भी अन्याय ही होता हैं,
इसलिये गरीबों का शोषण हर बार होता हैं।
आवाज तो उठाओ अन्याय के खिलाफ,
क्रान्ति की मशाल कोई एक ही ढोता हैं।
वही आगे चलकर भविष्य का जागरुक,
प्रणेता होता हैं।
आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi
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