Monday, 17 December 2018

कुछ ऐसे ही

मेरी उदासी और बर्बादी का कारण मोहब्बत हैं,
नही मैं यह नही कह सकता...........!!!!!

मेरी इस उदासी और बर्बादी का कारण हैं,
सिर्फ और सिर्फ वह उम्मीद ,
जो मैने किसी गैर से लगा रखी थी......!!!!!

इंसान हूँ ना , भुल जो गया था,
यहां जब अपने ही अपने नही हो पाते,
तो गैरो से वफ़ा की उम्मिद,
वह भी उम्मिद की हदो से बढ़कर।

चोट तो खानी ही थी,
जिन्दगी खुद की औरो के हाथो मे जो सोंप दी........!!!!!!!

आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

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