क्या खूब थी वो रात भी, क्या गजब कहर ढा रही थी। यहाँ मेरा वजूद मिट रहा था, वो वहाँ मेहंदी किसी और के नाम की रचा रही थी।
आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi
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जरा जरा सी बात पर जिनकी आँखे भीग जाती हैं, वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते। पर एक सच यह भी हैं, वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना...
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