Pages

Friday, 23 November 2018

कुछ ऐसे ही

क्या खूब थी वो रात भी,
क्या गजब कहर ढा रही थी।
यहाँ मेरा वजूद मिट रहा था,
वो वहाँ मेहंदी किसी और के नाम की रचा रही थी।

आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan

No comments:

Post a Comment