सोचता हर कोई है कुछ ना कुछ, विचार सभी के होते हैं।कोई बयाँ कर देता हैं , कोई कुछ नही कह पाता। कुछ लोग उन विचारो से सहमत होते है , कुछ नही होते। हर किसी की अपनी शैली होती है अपनी बात को व्यक्त करने की। कोई दिल का दर्द बयाँ करता हैं, तो कोई जमाने की खुशी। पर जो व्यक्त करता हैं वो ही जानता हैं, उसने क्या व्यक्त कियां हैं। सब उस के विचारो को अपने विचारो मे तलाश्ते हैं, पर आप खुद सोचिये उसने जो जियाँ हैं , वो बयाँ कियां हैं, अगर आप उससे सहमत हैं, तो कही ना कही आपने भी उस विचार को जियाँ हैं। बहुत मुश्किल होता हैं , किसी की बातों, किसी की आंखों से उसके दर्द को उसके जज्बातों को समझ पाना, यह वही समझ सकता हैं, जो उस दौर से गुजरा हो। और वेसे भी जब दिल से निकली आह पर जमाने वालों की वाह निकलती हैं , तो वो मन्जर बडा कमाल का होता हैं।
©ayush_tanharaahi
Tuesday, 23 October 2018
कुछ ऐसे ही
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सच्चे लोग
जरा जरा सी बात पर जिनकी आँखे भीग जाती हैं, वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते। पर एक सच यह भी हैं, वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना...
No comments:
Post a Comment