Tuesday, 23 October 2018

कुछ ऐसे ही

मैं क्यू नही सोचूं तुझे ,बस इतना बता दे मुझको।
तुझे सोचकर ही तो , सोचना सीखा हैं।
मेरी हर बात , हर सांस मे तुम हो।
और तुम कहती हो भूल जाऊँ तुम्हें,
तुम खुद सोचो क्या ये मुमकिन हैं,
मैने कोई रट्टा नही मारा हैं की मैं भूल जाऊँ।
हाँ तुम्हारी बात अलग है, तुम भूल जाओगी पता हैं मुझे।
पर मैं मैं हूं , तुम नही ना।
तो तुम भूल जाओ मुझे, और मैं वही करता हूं जो हमेशा करता आया हूं,
तुमसे , और तुम्हारी यादों से वफ़ा जो निभानी हैं, तो मैं तो सोचूंगा तुम्हें और प्यार भी बेशुमार करूंगा। क्या हुआ जो तुम साथ नही हो, तुम मेरी सोच मे तो हो, मेरी यादों मे तो हो और हमेशा रहोगी। एक अनकही सी कहानी बनकर, मेरे जीवन का एक अन्छुआ सा पहलु बनकर। हाँ सच मे तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी.........(kuch to ho tum.....ssssss)
©ayush_tanharaahi

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