मैं एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा,
मैं जाते जाते सारे सवालों के जवाब दे जाऊंगा।
मैं हर शिकवा हर गम भुला जाऊंगा,
और तुम्हे प्यार करना सिखा जाऊँगा।
ढुँढोगे तुम जब मुझे अपनो मे,
मैं नजर आऊँगा तुम्हारे सपनो मे।
आज खिलता हूँ कितनो के चेहरो पर मुस्कान बनकर,
कल कितनी ही आँखों मे आँसू दे जाऊँगा।
मैं एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊँगा!!!.......(1)
तेरी ख्वाईश भी पूरी हो जायेगी उस दिन,
मैं तुझे हमेशा के लिये अकेला कर जाऊंगा,
पर जाते जाते तेरे लिये कुछ हसीन यादें छोड़ जाऊंगा।
कभी मुस्कुराओगी तुम, तो कभी आँसू भी बहाओगी,
मैं तेरे लिये अपने नाम की वो छाप छोड़ जाऊँगा,
मैं एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!.....(2)
अपने यारों के लिये दोस्ती की मीठी यादें छोड़ जाऊंगा,
किसी के लिये बातें तो किसी के लिये वादें छोड़ जाऊंगा।
किसी के लिये हँसी के सुहाने पल,
किसी के लिये बचपन की बातें छोड़ जाऊँगा।
मै एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!.......(3)
कुछ अपनो के लिये ,कुछ सपने छोड़ जाऊंगा।
किसी की आंखों मे कभी अपने लिये प्यार नही देखा,
फिर भी कुछ आँसू जरुर छोड़ जाऊँगा।
कभी तो याद आऊंगा मैं किसी को,
कुछ बातें ऐसी छोड़ जाऊंगा।
रिश्तो की परवाह नही हैं मुझे,
उन रिश्तों की डगर मैं सुनी ही छोड़ जाऊंगा।
मैं एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!....(4)
क्या लेकर आया था मैं यहां,
फिर भी अपने साथ किसी की यादें ले जाऊंगा।
कुछ सपने पुरे करूंगा,
कुछ अपनो को दिल में बसा के ले जाऊंगा।
जो हसरत नही हो सकती है पूरी,
उसकी चोंट मैं अपने साथ ले जाऊंगा।
मैं एक दिन जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!.....(5)
कुछ राज हैं मेरे दिल मे समाए,
उन्हे मैं अपने साथ ले जाऊंगा।
तु बदनाम ना होगी कभी ,
तेरा नाम मैं अपने साथ ले जाऊंगा।
तुझे छुपाया हैं अब तक इस जमाने से,
तुझे इस दिल मे छुपाकर ही ले जाऊंगा।
तुझे पा तो नही सकता मैं,
पर तुझे इस दिल मे सजा कर ले जाऊंगा।
मैं एक दिन इस जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!....(6)
मैं अन्जान हूँ आज भी कुछ अपनो के लिये,
और हमेशा के लिये अन्जान ही रह जाऊंगा।
ना कोई समझा हैं मुझे,
ना समझ पायेगा कभी,
मैं एक अनसुलझा सवाल ही रह जाऊंगा।
आज जी रहा हूँ किसी ख्वाब की आस लिए,
कल उस ख्वाब के लिये मैं मिट भी जाऊंगा।
मैं एक दिन इस जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!.....(7)
तुझे ना भुला हूँ मैं कभी,
ना कभी भुला पाऊँगा।
अपने साथ ले जाऊंगा तेरे गम सारे,
और तुझे जिन्दगीभर की खुशियाँ दे जाऊंगा।
मैं एक दिन इस जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!....(8)
किसी को याद आऊंगा मैं हर पल,
तो किसी की बातों मे नजर आऊंगा।
किसी के चेहरे की मुस्कान बनूँगा,
तो किसी के अश्को मे समा जाऊंगा।
किसी की यादों मे सिमट कर रह जाऊंगा,
तो किसी की कहानी बन जाऊंगा।
किसी के दिल मे रहुँगा राज बनकर,
तो कही दिवारों पर टंग जाऊंगा।
फिर भी मैं जाते जाते सारे शिकवा सारे गिला दूर कर जाऊंगा,
और जाते जाते हर सवाल का जवाब दे जाऊंगा,
मैं एक दिन इस जिन्दगी की कश्मकश से विदा ले जाऊंगा!!!!!.....(9)
आयुष पंचोली
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