Friday, 16 November 2018

भारतीय नारी

स्त्री सबसे खूबसुरत सिर्फ और सिर्फ भारतीय परिधान मे ही लगती हैं। जब भी कभी कही कोई भारतीय स्त्री की बात हो तो एकाएक नजर मे एक छवि उभर आती हैं, बस यहाँ मैने उस छवि का ही चित्रण अपने नजरिये से करने की एक कोशिश की हैं, अच्छा लगे तो मुझे जरुर अवगत कराये।



जब भी बात होती हैं भारतीय नारी की,
मेरी आंखों मे एक ही सूरत नजर आती हैं।

एक स्त्री रंग बिरंगी साड़ी मे ,
शीतल, सभ्य, शालीन सी,
चंद्रमा की आभा लिये,
जो हरती अंधकार हो।
एक सहज सी मुस्कान हो अधरो पर,
एक सादगी ऐसी जो हृदय को भा जाये।
आँखे कुछ ऐसी शाँत रहे,
जो मन के भाव को बयाँ करे।
झुमको की खनक जिसकी,
करती मधुर शोर हो।
मांग पे टिका सजा,
जैसे नदिया की कोई हिलोर हो।
वो बिंदी माथे पर दमके,
जैसे अंधेरे मे पूर्णिमा का चांद रोशनी से सिरमौर हो।
वो हार गले मे यूँ लहराये,
जैसे हवाओं की लहर हो।
वो पायल की छन जैसे,
हरती सारा शोर हो....!!!!

पर जब सच्चाई नजर आती हैं,
दिल अन्दर ही अंदर रोता हैं।

कैसे खुद को समझाऊँ,
यह परिधान आजकल कहाँ होता हैं।

सभ्यता हमारी विकसित हुई,
संस्कार सारे गुम हो बैठे।

अब हम हिन्दुस्तानी और भारतीय नही रहे,
अब हम इंडियन हो बैठे।

आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan

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