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Tuesday, 23 October 2018

कुछ ऐसे ही

तुम जानती हो तुम जब मुस्कुराती हो ना , तो सच मे लगता हैं, की कही फिर तुम्हारी उस मुकुराहट मे खुद को ना भुला दूं।
ऐसा नही हैं, की मुझे तुम्हारा मुस्कुराना पसन्द नहीं,
मैं तो आज भी तुम्हारी हंसी का दीवाना हुँ।
पर जब याद आता हैं ना, की एक बार इस हंसी ने ही बर्बाद कियां था,
तो एक डर सा लगता हैं, की नही अब नही ।
अब नही जाना उस रास्ते। जो गया उसे जाने दे हाँ बस अब उसे जाने दे.....
तुम नही समझ पाओगी कभी बहुत मुश्किल होती हैं , ज़िन्दगी की नयी शुरुवात करने में, कुछ छूट जाता हैं और कुछ हमे छोडना पड़ता हैं, इसलिये ही इन्सान बदल जाता हैं। हां बदल गया हूं मैं......
©ayush_tanharaahi

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