जब हम थे , तो हम ही थे।
पर अब जब हम नही है,
तो मैं हूं, और तुम हो।
हैं आज भी दोनो ही
पर दोनो के बीच एक दीवार है।
जो दोनो को मैं और तुम से
हम नही होने दे रही।
दीवार है समाज की,
दीवार है परिवार की,
दीवार हैं, और हमेशा रहेगी।
मेरे और तुम्हारे साथ भी और हमारे बाद भी....
©ayush_tanharaahi
Thursday, 18 October 2018
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सच्चे लोग
जरा जरा सी बात पर जिनकी आँखे भीग जाती हैं, वो लोग जीवन मे कभी किसी का बुरा चाह नही सकते। पर एक सच यह भी हैं, वो जीवन मे कभी किसी को अपना बना...
No comments:
Post a Comment