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Tuesday, 6 November 2018

इश्क

जिसने जाना हैं इश्क को ,
नफरतों से उसने ताऊम्र तौबा करी हैं।

दिल का मर्ज भी पाया हैं,
और जख्म-ए-दिल से ही ईबादत भी करी हैं।

कहता हैं ना तू , क्या फ़र्क रहा हैं,
मेरे इश्क और तेरे इश्क मे ए यारा ।

तो सुन, तुने बातों से ,
मैने जज्बातों से मोहब्बत करी हैं।

तुने हुस्न से तो,
मैने इन्सानो से मोहब्बत करी हैं।

तुने चाहा हैं जिस्म को,
मैने रूह से मोहब्बत करी हैं।

मैं मिटकर भी आबाद रहूँगा,
मोहब्बत की गलियों मे हर पल चर्चाओ मे शुमार रहूंगा।

तुने जिन्दगी से,
मैने मौत से मोहब्बत करी हैं।

बस यही कहानी तुझसे अलग हैं मेरी,
मैने मोहब्बत मेरे रब से सबसे ज्यादा करी हैं।

आयुष पंचोली ✍✍✍✍

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