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Tuesday, 23 October 2018

कुछ ऐसे ही

कभी कभी सोचता हूं, क्या सच मे तुम आयी थी मेरी ज़िन्दगी मे।
यां मैं कोई सपना देख रहा हूं, अभी तक।
जिसका एक अहम किरदार मैं हूं।
और एक अहम किरदार तुम।
बाकी सब साइड आर्टिस्ट की तरह हमारे तुम्हारे बीच आते जा रहे हैं, अपने अपने किरदारो के अनुसार।
और क्या पता हिन्दी फिल्मो की स्टोरीयों की तरह हमारी कहानी का भी एक सुखद अंत हो।
क्या करूँ प्यार बहुत करता हूं ना तुमसे, तो यकिन ही नही होता कि तुम जा चुकी हो।
शायद कोई सपना ही थी तुम जो हकिकत ना बन सका।
©ayush_tanharaahi

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