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Saturday 17 August 2019

कुछ ऐसे ही...!!!

जब हर तरफ से निराशा ही हाथ लगती हैं, तब व्यक्ति हताश हो जाता हैं। और यह हताशा ही उसके जीवन का वह बिंदु होती हैं, जहां से उसका जीवन पुर्ण रूप से परिवर्तित होने वाला रहता हैं। अब यह निर्भर करता हैं, उस व्यक्ति की सोच पर की उसके अन्दर कितनी नकारात्मकता हैं और कितनी सकारात्मकता।
क्योकी विपरीत हालात और हताशा से वही व्यक्ति उभर पाता हैं, जो सकारात्मकता के साथ आगे बडता हैं। कल को छोड आज मे जीता हैं, और सिर्फ खुद के भरोसे चलता हैं। वरना आपसे किसी को कोई मतलब नही हैं। मानो या ना मानो किसी को आपके होने या ना होने से भी कभी कोई फ़र्क नही पढने वाला। इसलिये अपने आपको किसी पर आश्रित रखने से अच्छा हैं, अपने आपको ही एक मजबूत नीव की भाती बनालो।
कब क्या होने वाला हैं, काल के गर्भ मे क्या छुपा हैं आपके लिये, उसे छोड़ दो, क्योकी वह होकर रहेगा, पर क्या यह सिर्फ काल को पता हैं। तो सिर्फ आज का सोचो, और आज को बेहतर बनाओ। अपने आपको को कभी छोटा मत समझो। आप कुछ ना कुछ तो ऐसा कर ही सकते हो, जो आपको आपकी पहचान दिलाये। बस उस और अग्रसर हो जाओ। कोई फर्क नही पढ़ता कोई क्या सोचेगा, कोई क्या कहेगा। लोग सिर्फ सफलता पर ताली बजाना, और विफलता पर बातें बनाना जानते हैं, इसके सिवा उन्हे कुछ नही आता।
इन लोगो मे हर वो मनुष्य है जो आपके समक्ष हैं, जो आपसे किसी भी रूप से जुडा हैं, या जुड़ने वाला हैं, और साथ ही आपसे जुड़े लोगो से जो जुडा हैं, अर्थात् हर एक मनुष्य ।
अब आप सोच लो अपने हताशा से भरे इस जीवन मे लोगो से उम्मीद लगाकर और नकारात्मकता को अपनाना चाहते हो या सकारात्मकता के साथ चलकर अपना मार्ग खुद प्रशस्त करना चाहते हो। लोग तो बातें दोनो ही अवस्था मे बनायेंगे, क्योकी इसके सिवा उन्हे कुछ और करना कभी आता ही नही, ना ही कभी आयेगा।
अपनी सोच के हर उस पहलू से आप खुद अच्छे से वाकिफ़ हो की मैं क्या कर सकता हूँ, तो फ़िर सोचना क्या, अपना सारथी खुद बनो और बढ़ चलो। आपकी हर सफलता आपका काफ़िला खुद ब खुद बड़ा करती चले जायेगी, और आपके हर कदम पर बातें खुद ही बदलती चली जायेंगी ।🙏🙏

©आयुष पंचोली
©ayush_tanharaahi

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