किसी व्यक्ति की सफलता को उसके द्वारा अर्जित धन, सम्पदा से कभी नही मापा जा सकता। सफलता को स्थाई रूप प्रदान करते हैं , संस्कार। संस्कार को भुलाकर या संस्कारो को त्याग कर अर्जित की गई सफलता के कोई मायने नही होते। ये संस्कार ही होते हैं, जो आपको और आपके परिवार को एक पहचान देते हैं। आपके संस्कार अर्थात् आपका व्यव्हार ही आपके द्वारा आपके अपनो के संस्कारों को प्रदर्शित करता हैं। अगर आपके पास अथाह धन सम्पदा हैं, फिर भी आपके पास आपका दर्द बाटने को कोई अपना नही हैं, तो क्या फायदा ऐसी सम्पत्ति का,जो आपको कोई सच्चा अपना ना दे सकें। पर अगर आपको शुरु से ही अच्छे संस्कार मिले हैं, आप का व्यव्हार संस्कारो से पोषित हैं, तो यकिन मानिये ये धन सम्पदा तो टुच्ची सी चीज हैं , फिर आपके लिये।
©ayush_tanharaahi
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